मंगलवार, 2 सितंबर 2008

कांग्रेस के डेढ़ दर्जन विधायकों की टिकट पर सवाल

देना होगा जवाब निगम चुनाव की हार का
अपनी करतूतों से पार्टी को संकट में डालने वाले भी नप सकते हैं
निगम चुनाव में एक भी वार्ड नहीं जितवा पाये कई विधायक


कांग्रेस के लगभग डेढ़ दर्जन मौजुदा विधायकों को विधानसभा चुनाव में पुनः प्रत्याशी बनाये जाने पर पार्टी के भीतर ही सवाल उठाये जा रहे हैं। यह विधायक एैसे हैं जो निगम चुनाव के दौरान अपने विधानसभा क्षेत्रा के एक भी वार्ड में कांग्रेस प्रत्याशी को नहीं जितवा सके हैं। इन विधायकों से अब पूछा जायेगा कि उनके क्षेत्रों में पार्टी की इतनी दुर्गति क्यों हुई और विधानसभा चुनाव में उनकी जीत के दावे का आधार क्या है। इसके अलावा समय समय पर अपने कारनामों से पार्टी व सरकार को संकट में डालने वाले विधायकों पर भी गाज गिर सकती है। पार्टी हाईकमान ने एैसे सभी विधायकों की सूची तैयार कर ली है। आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी हाईकमान किसी भी कीमत पर निगम चुनाव की पुनरावृत्ति नहीं चाहता, यही कारण है कि प्रत्याशियों के चयन में भी पूरी सावधानी बरती जा रही है और केवल चुनाव में विजय हासिल करने में सक्षम उम्मीदवारों को ही चुनाव मैदान में उतारे जाने की रणनीति बनाई जा रही है लेकिन पार्टी हाईकमान की दुविधा यह है कि डेढ़ दर्जन मौजुदा विधायक एैसे हैं जिनके क्षेत्रों में निगम चुनाव के दौरान पार्टी को सभी वार्डो में करारी हार का सामना करना पड़ा। यह विधायक एक भी वार्ड में पार्टी प्रत्याशी की जीत नहीं करा सके, जिससे अब इनकी अपनी जीत पर भी सवाल लगा है।इन विधायकों में प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व रोहतास नगर के विधायक रामबाबू शर्मा, प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्राी व मालवीय नगर के विधायक डा।योगानंद शास्त्राी और राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा व आर.के.पुरम से विधायक बरखा सिंह भी शामिल हैं। इनके अलावा नरेला विधानसभा क्षेत्रा के विधायक चरण सिंह कंडेरा, बुराड़ी के विधायक जिले सिंह, तिमारपुर के विधायक सुरेन्द्र पाल सिंह बिटटू, बवाना के विधायक सुरेन्द्र कुमार, परिसीमन में नई सीट बनी मुंडका से दावेदार व नांगलोई के विधायक विजेन्द्र सिंह, शकूर बस्ती के विधायक डा.एस.सी.वत्स, माडल टाऊन के विधयक कुंवर करण सिंह, राजौरी गार्डन के विधायक रमेश लांबा, विकासपुरी के विधायक मुकेश शर्मा, नई सीट बनी बिजवासन से दावेदार व महीपालपुर के विधायक विजय सिंह लोचव, महरौली के विधायक व अब छतरपुर सीट से दावेदार बलराम तंवर, विश्वास नगर के विधायक नसीब सिंह व गोण्डा सीट से विधायक भीष्म शर्मा एैसे विधायक हैं जो निगम चुनाव के दौरान अपने विधानसभा क्षेत्रा से एक भी सीट पार्टी की झोली में नहीं डलवा सके। आगामी विधानसभा चुनाव के लिए उक्त सभी विधायक दावेदार हैं लेकिन पार्टी हाईकमान के कुछ नेताओं ने इन सभी विधायकों की दावेदारी पर सवाल लगा दिया है। पार्टी के केन्द्रीय हाईकमान का कहना है कि यदि यह सभी दावेदार अपनी जीत का दावा कर रहे हैं तो उन्हें अपनी दावेदारी से पहले यह भी बताना चाहिए कि यदि उनकी अपने क्षेत्रा में पकड़ है तो फिर निगम चुनाव में उनके क्षेत्रो ंसे पार्टी का सूपड़ा ही साफ क्यों हो गया। इसके अलावा विकास पुरी के विधायक मुकेश शर्मा एवं शकूर बस्ती के डा.एस.सी.वत्स पर एक अन्य आरोप अपने कारनामों से पार्टी व सरकार को संकट में डालने का भी है। मुकेश शर्मा ने बिजली बिलों के मुद्दे पर सचिवालय पर भीख मांग कर सरकार को कठघरे में खड़ा किया था तो डा.एस.सी.वत्स ने अपनी ही सरकार के खिलाफ रिर्पोट देकर सरकार की छीछालेदारी कराई थी। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल के मुताबिक चुनाव में उन्हीं उम्मीदवारों को टिकट दिया जायेगा जो जीतने में सक्षम होंगे तथा पार्टी के प्रति वफादार होंगे। उन्होंने कहा कि यदि कोई विधायक इस योग्यता को पूरा नहीं करेगा तो उनसे पूछा जायेगा कि चुनाव में उनकी जीत का आधार क्या है। उन्होंने बताया कि इस बारे में निर्णय स्क्रीनिंग कमेटी को ही करना है।

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