रविवार, 10 अगस्त 2008

इस माह शुरु होगा हवाई अड्डे के तीसरे रनवे का ट्रायल

तीसरे रनवे के बाद एयरपोर्ट की क्षमता में होगी वृद्धि
घरेलू उड़ानों पर 16 मिलियन यात्राी हैं प्रति वर्ष
घरेलू टर्मिनल की मौजुदा क्षमता है 8 मिलियन यात्राी प्रति वर्ष
इस वर्ष के अंत तक घरेलू टर्मिनल की क्षमता 18 मिलियन करने की तैयारी
वर्ष के अंत तक तैयार होगा नया घरेलू टर्मिनल 1-डी
इस टर्मिनल की क्षमता होगी 10 मिलियन यात्राी प्रति वर्षवर्ष 2010 तक हवाई अड्डे की क्षमता होगी 60 मिलियन यात्राी प्रति वर्ष
4430 मीटर लंबा और 60 मीटर चैड़ा है तीसरा रनवे
इस रनवे पर बड़े विमान पर उतर सकेंगे आसानी से
रनवे पर इलैक्ट्रानिक उपकरणों का काम बाकी
डीजीसीए ने दिये काम पूरा करने के निर्देश
आकाश पर विमानों का दबाव होगा कम
प्रतिदिन औसतन 660 विमानों का होता है आवागमन
व्यस्त समय के दौरान प्रति मिनट में एक विमान का होता है आवागमन
औसतन ढाई से तीन मिनट में एक विमान का होता है आवागमन
एक वर्ष में हुई 231200 उड़ानों का हुआ आवागमन
लेण्डिंग के लिए घंटो आकाश में चमारीक्कर लगाने से मिलेगी मुक्ति
सवेरे 7 से 10 तथा शाम 6 से 9 बजे तक रहती है मारा


राजधानी के इंदिरा गांधी अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे के तीसरे रनवे पर उतरने के लिए विमानो ंको अभी इंतजार करना होगा। हालांकि रनवे बनकर तैयार हो चुका है लेकिन सिग्नल व्यवस्था एवं इलैक्ट्रानिक उपकरणों का काम अभी बाकी है। डीजीसीए ने रनवे का काम जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिये हैं बावजूद इसके सितंबर माह से पूर्व रनवे शुरु होने की संभावना नहीं है। राजधानी के इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर फिलहाल दो ही रनवे है लेकिन हवाई यातायात दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। बढ़ते हवाई यातायात के चलते यहां आने वाले विमानों को रनवे खाली न होने के कारण उतरने की प्रतीक्षा करनी पड़ती है तथा उड़ान भरने वाले विमानों में भी अक्सर देरी हो जाती है। कई बार तो सवेरे व शाम के दौरान व्यस्त समय में विमानों को रनवे पर उतरने के लिए आकाश पर काफी देर तक चक्कर लगाना पड़ता है। यही नहीं रनवे की चैड़ाई कम होने के कारण इस रनवे पर बड़े विमान भी आसानी से नहीं उतर सकते। हवाई अड्डे पर बढ़ते यातायात को देखते हुए ही एक नये आधुनिक रनवे की आवश्यकता महसूस की गई और हवाई अड्डे को निजी हाथों में सौंपे जाने के बाद दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (डायल) ने हवाई अड्डे के विकास के लिए बनाये गये मास्टर प्लान में तीसरे रनवे के निर्माण को भी शामिल किया। हवाई अड्डे पर मौजुदा रनवे 10/28 की लबाई 3815 मीटर है तथा चैड़ाई 45 मीटर है जबकि दूसरे रनवे 9/27 की लंबाई 2810 मीटर तथा चैड़ाई 45 मीटर है। इन दोनों रनवे की चैड़ाई कम होने के कारण ए380 जैसे बड़े विमानों को यहां उतरने में कठिनाई होती रही है लेकिन डायल द्वारा बनाये जा रहे तीसरे रनवे की लंबाई 4430 मीटर तथा चैड़ाई 60 मीटर है जिससे बड़े विमानों को यहां उतरने में कठिनाई नहीं होगी। यह रनवे कैट थ्री बी सुविधा से सुसज्जित होगा। हाल ही में डीजीसीए ने भी डायल तथा एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया को रनवे का निर्माण जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिये हैं। डायल के असिसटेंट वाइस प्रेसिडेंट अरुण अरोड़ा का कहना है कि डायल ने रनवे तैयार कर दिया है अब कुछ काम अन्य एजेंसियों को करना है। उन्होंने कहा कि अगस्त माह के अंत तक काम पूरा हो जायेगा तथा संभवतः इस रनवे का ट्रायल भी शुरु हो जायेगा। उन्होंने बताया कि ट्रायल के बाद सितंबर में रनवे को विमानों के लिए खोल दिया जायेगा। इसके बाद आकाश पर यातायात का दबाव कम होगा और विमानों को उतरने व उड़ान के लिए इंतजार नही करना पड़ेगा। यातायात के व्यस्त समय में राजधानी में प्रति एक़ मिनट में एक विमान का आवागमन होता है। प्रतिदिन लगभग 660 विमानों का आवागमन राजधानी में होता है औसतन 30 से 40 विमान प्रति घंटा यहां आवागमन करते हैं। तीन वर्ष में इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर आने व जाने वाले विमानों की संख्या में लगभग 65 हजार उड़ानों की वृद्धि हुई है। पिछले पांच वर्ष में हवाई उड़ानों की संख्या दोगुने से भी अधिक हो गई है, यही कारण है कि मौजुदा दोनों रनवे पर विमानों का दबाव रहता है।

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