रविवार, 4 जुलाई 2010
साहब शहर से बाहर लेकिन कार दौड़ती रही घर से आफिस
साहब शहर से बाहर लेकिन कार दौड़ती रही घर से आफिस
उद्योगायुक्त की गैरमौजूदगी में 450 किलोमीटर दौड़ी उनकी कार
आरटीआई के जवाब में हुआ इस धांधली का खुलासा
गृहमंत्राी से की उद्योगायुक्त के खिलाफ कार्रवाई की मांग
नई दिल्ली। इसे विज्ञान का चमत्कार कहें या फिर जादू लेकिन यह हकीकत है कि कमिश्नर इण्डस्ट्री लगभग एक सप्ताह की छुट्टी पर दिल्ली से बाहर रहे और उनकी सरकार कार उन्हें लेकर उनके घर से कार्यालय व सचिवालय के चक्कर लगाती रही। वास्तविकता में भले ही यह संभव न हो लेकिन उनकी सरकारी कार ने यह कारनामा कर दिखाया है। उनकी गैर मौजूदगी में उनकी कार लगभग एक सप्ताह तक 450 किलोमीटर से अधिक सड़को ंपर दौड़ी है और यह दौड़ उनके घर से कार्यालय व सचिवालय के बीच ही हुई है। इस बात का खुलासा एक आरटीआई में होने के बाद इसकी शिकायत केन्द्रीय गृह मंत्राी पी चिदंबरम से भी की गई है।
दिल्ली के कमिशनर इण्डस्ट्री के पद पर वर्तमान में आईएएस अधिकारी चेतन बी सांघी तैनात हैं। इसके अलावा उनके पास डीएसआईआईडीसी के प्रबंध निदेशक के अलावा दिल्ली खादी विलेज बोर्ड का भी प्रभार है। उद्योग आयुक्त सांधी 15 फरवरी सोमवार को तीन दिन की छुट्टी पर हैदराबाद गये थे। इस छुट्टी की अनुमति उन्होंने मुख्य सचिव से ली थी और छुट्टी का घरेलू कारण बताया था, बाद में उन्होंने निजी कार्य का हवाला देते हुए छुट्टी को 19 फरवरी तक बढ़ा लिया। उनके छुट्टी पर जाने से दो दिन पहले 13 व 14 फरवरी को शनिवार व रविवार होने के कारण छुट्टी थी। इस प्रकार वह सात दिन छुट्टी पर रहे।
उनके छुट्टी पर रहने के बावजूद कमिशनर इण्डस्ट्री के रूप में मिली उन्हें मिली सरकारी कार संख्या डीएन 5 सीएफ 9990 सड़कों पर दौड़ती रही। कार की लाॅग बुक बताती है कि 13 फरवरी को कार दिल्ली सचिवालय से बसंतकुंज, डीएसआईआईडीसी, बसंतकुंज और फिर दिल्ली सचिवालय के बीच सवेरे 8 बजे से शाम 7 बजे तक 84 किलोमीटर दौड़ी।
15 फरवरी को जिस दिन कमिशनर इण्डस्ट्री हैदराबाद में थे, उस दिन उनकी सरकारी कार सवेरे 7.30 बजे से रात 10.30 बजे तक दिल्ली सचिवालय से बसंतकुंज उनके आवास, फिर डीएसआईआईडीसी कार्यालय, और फिर घर से होती हुई सचिवालय तक 135 किलोमीटर दौड़ी। इसके बाद 16 फरवरी को 88 किलोमीटर व 17 फरवरी को 100 किलोमीटर उनके घर से कार्यालयों के बीच उनकी कार दौड़ती रही। लागबुक के ‘दफ्तरी गाड़ी का इस्तेमाल करने वाले अधिकारी का नाम और पद’ के कालम में कमिशनर इण्डस्ट्री के रूप में ‘सी आई’ दर्शाया गया है जो यह बताता है कि कार कमिश्नर इण्डस्ट्री को लेकर दौड़ती रही।
यह सारी जानकारी डीएसआईआईडीसी ने एक आरटीआई के जवाब में दी है। आरएन बरारिया नामक व्यक्ति द्वारा मांगी गई इस जानकारी का जवाब 20 मई को दिया गया है। आरटीआई का जवाब मिलने के बाद आरएन बरारिया ने कमिश्नर इण्डस्ट्री चेतन बी सांघी पर सरकारी कार का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए उनकी शिकायत केन्द्रीय गृहमंत्राी पी चिदंबरम से की है।
गृहमंत्राी को भेजी गई शिकायत में कहा गया है कि कमिश्नर इण्डस्ट्री की सरकारी कार फरवरी माह के 24 दिन में 2529 किलोमीटर दौड़ी है जिससे पता चलता है कि प्रतिदिन औसतन 106 किलोमीटर उनकी कार सड़कों पर दौड़ती रही है। प्रतिदिन राजधानी के भीतर इतनी दूरी तय करने में किसी भी वाहन को 4 से 5 घंटे लगते हैं। शिकायती पत्रा में कहा गया है कि लगभग 5 घंटे अपनी कार में व्यतीत कर इण्डस्ट्री कमिश्नर एक साथ डीएसआईआईडीसी व कमिश्नर इडस्ट्री के अलावा खादी विलेज इण्डस्ट्री बोर्ड का कामकाज कैसे करते होंगे। बरारिया ने चिदंबरम को भेजे पत्रा में इसे धोखाधड़ी का मामला बताते हुए इसके लिए सीधे सीधे कमिश्नर इडस्ट्री को जिम्मेदार बताया है और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
उद्योगायुक्त की गैरमौजूदगी में 450 किलोमीटर दौड़ी उनकी कार
आरटीआई के जवाब में हुआ इस धांधली का खुलासा
गृहमंत्राी से की उद्योगायुक्त के खिलाफ कार्रवाई की मांग
नई दिल्ली। इसे विज्ञान का चमत्कार कहें या फिर जादू लेकिन यह हकीकत है कि कमिश्नर इण्डस्ट्री लगभग एक सप्ताह की छुट्टी पर दिल्ली से बाहर रहे और उनकी सरकार कार उन्हें लेकर उनके घर से कार्यालय व सचिवालय के चक्कर लगाती रही। वास्तविकता में भले ही यह संभव न हो लेकिन उनकी सरकारी कार ने यह कारनामा कर दिखाया है। उनकी गैर मौजूदगी में उनकी कार लगभग एक सप्ताह तक 450 किलोमीटर से अधिक सड़को ंपर दौड़ी है और यह दौड़ उनके घर से कार्यालय व सचिवालय के बीच ही हुई है। इस बात का खुलासा एक आरटीआई में होने के बाद इसकी शिकायत केन्द्रीय गृह मंत्राी पी चिदंबरम से भी की गई है।
दिल्ली के कमिशनर इण्डस्ट्री के पद पर वर्तमान में आईएएस अधिकारी चेतन बी सांघी तैनात हैं। इसके अलावा उनके पास डीएसआईआईडीसी के प्रबंध निदेशक के अलावा दिल्ली खादी विलेज बोर्ड का भी प्रभार है। उद्योग आयुक्त सांधी 15 फरवरी सोमवार को तीन दिन की छुट्टी पर हैदराबाद गये थे। इस छुट्टी की अनुमति उन्होंने मुख्य सचिव से ली थी और छुट्टी का घरेलू कारण बताया था, बाद में उन्होंने निजी कार्य का हवाला देते हुए छुट्टी को 19 फरवरी तक बढ़ा लिया। उनके छुट्टी पर जाने से दो दिन पहले 13 व 14 फरवरी को शनिवार व रविवार होने के कारण छुट्टी थी। इस प्रकार वह सात दिन छुट्टी पर रहे।
उनके छुट्टी पर रहने के बावजूद कमिशनर इण्डस्ट्री के रूप में मिली उन्हें मिली सरकारी कार संख्या डीएन 5 सीएफ 9990 सड़कों पर दौड़ती रही। कार की लाॅग बुक बताती है कि 13 फरवरी को कार दिल्ली सचिवालय से बसंतकुंज, डीएसआईआईडीसी, बसंतकुंज और फिर दिल्ली सचिवालय के बीच सवेरे 8 बजे से शाम 7 बजे तक 84 किलोमीटर दौड़ी।
15 फरवरी को जिस दिन कमिशनर इण्डस्ट्री हैदराबाद में थे, उस दिन उनकी सरकारी कार सवेरे 7.30 बजे से रात 10.30 बजे तक दिल्ली सचिवालय से बसंतकुंज उनके आवास, फिर डीएसआईआईडीसी कार्यालय, और फिर घर से होती हुई सचिवालय तक 135 किलोमीटर दौड़ी। इसके बाद 16 फरवरी को 88 किलोमीटर व 17 फरवरी को 100 किलोमीटर उनके घर से कार्यालयों के बीच उनकी कार दौड़ती रही। लागबुक के ‘दफ्तरी गाड़ी का इस्तेमाल करने वाले अधिकारी का नाम और पद’ के कालम में कमिशनर इण्डस्ट्री के रूप में ‘सी आई’ दर्शाया गया है जो यह बताता है कि कार कमिश्नर इण्डस्ट्री को लेकर दौड़ती रही।
यह सारी जानकारी डीएसआईआईडीसी ने एक आरटीआई के जवाब में दी है। आरएन बरारिया नामक व्यक्ति द्वारा मांगी गई इस जानकारी का जवाब 20 मई को दिया गया है। आरटीआई का जवाब मिलने के बाद आरएन बरारिया ने कमिश्नर इण्डस्ट्री चेतन बी सांघी पर सरकारी कार का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए उनकी शिकायत केन्द्रीय गृहमंत्राी पी चिदंबरम से की है।
गृहमंत्राी को भेजी गई शिकायत में कहा गया है कि कमिश्नर इण्डस्ट्री की सरकारी कार फरवरी माह के 24 दिन में 2529 किलोमीटर दौड़ी है जिससे पता चलता है कि प्रतिदिन औसतन 106 किलोमीटर उनकी कार सड़कों पर दौड़ती रही है। प्रतिदिन राजधानी के भीतर इतनी दूरी तय करने में किसी भी वाहन को 4 से 5 घंटे लगते हैं। शिकायती पत्रा में कहा गया है कि लगभग 5 घंटे अपनी कार में व्यतीत कर इण्डस्ट्री कमिश्नर एक साथ डीएसआईआईडीसी व कमिश्नर इडस्ट्री के अलावा खादी विलेज इण्डस्ट्री बोर्ड का कामकाज कैसे करते होंगे। बरारिया ने चिदंबरम को भेजे पत्रा में इसे धोखाधड़ी का मामला बताते हुए इसके लिए सीधे सीधे कमिश्नर इडस्ट्री को जिम्मेदार बताया है और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
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