बात कुछ ऐसी है
बात कुछ अपनी है बात कुछ आपकी है.
रविवार, 4 जुलाई 2010
साहब शहर से बाहर लेकिन कार दौड़ती रही घर से आफिस
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें