दिग्गजों को दिखा दी अपनी ताकत
रैली तो एक बहाना भर थी, असल मकसद तो आला कमान को अपनी ताकत दिखाना था। निश्चित रूप से रामलीला मैदान में आज हुई रैली के माध्यम सेे भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्राी विजय गोयल पार्टी आलाकमान को अपनी ताकत दिखाने में कामयाब हुए है। उनकी यह रैली भाजपा में मुख्यमंत्राी पद के दावेदारों के लिए भी एक चुनौती साबित हुई है।ं अनाधिकृत कालोनी महासंघ के तत्वाव्धान में हुई यह रैली हालांकि प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ थी लेकिन गोयल ने इस रैली के माध्यम से एक तीर से अनेक निशाने एक साथ साध लिए हैं। इस रैली के माध्यम से उन्होंने जहां पार्टी के दोनों दिग्गज नेताओं लालकृष्ण आडवाणी व राजनाथ सिंह को अपनी ताकत व मैनेजमेंट क्षमता से अवगत करा दिया वहीं कांग्रेस पर निशाना साधने के साथ साथ अप्रत्यक्ष रूप से पार्टी में ही अपने विरोधियों पर भी निशाना साध दिया है। रैली के माध्यम से उन्होंने विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्राी पद के लिए अपनी दावेदारी को मजबूत किया है और इस पद के अन्य दावेदारों को भी परेशानी में डाल दिया है। उन्होंने यह जता दिया है कि मुख्यमंत्राी पद के लिए उनकी उपेक्षा करना आसान नहीं होगा। समय समय पार्टी से अलग निजी स्तर पर आंदोलनात्मक कार्यक्रम आयोजित करने के कारण गोयल हमेशा प्रदेश पार्टी के कई प्रमुख नेताओं के आंखों की किरकिरी रहे हैं और यह नेता गोयल के एैसे कार्यक्रमों में शामिल होने से भी परहेज करते रहे हैं लेकिन आज की रैली में आडवाणी व राजनाथ की मौजुदगी के कारण एैसे नेताओं को भी बेमन से ही सही रैली में आना पड़ा। रैली का आहवान भाजपा की ओर से नहीं किया गया था लेकिन रैली में उमड़ी भीड़ देखकर पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह भी इतने गदगद हुए कि उन्होंने भी रैली का श्रेय पार्टी को देने का प्रयास किया। उन्होंने विजय गोयल की ओर इशारा करते हुए कहा कि भाजपा ने ही इस नवयुवक को रैली की जिम्मेदारी सौंपी थी। उन्होंने मंच से कहा कि उन्हें इस रैली में इतनी भीड़ उमड़ने की कल्पना नहीं थी। यह सर्वविदित है कि रैली के आयोजन में प्रदेश भाजपा का कोई योगदान नहीं था और न ही जिला व मंडल स्तर पर इस रैली को सफल बनाने की कोई कोशिश प्रदेश भाजपा द्वारा की गई थी लेकिन फिर भी तपती धूप में विजय गोयल लोगों की भारी भीड़़ इस रैली में जमा करने में कामयाब हुए। रैली की तारीफ आडवाणी ने भी की। उन्होंने कहा कि उन्हें यह रैली देखकर अच्छा लगा। कुल मिलाकर गोयल ने जिस तरह आज अपना वर्चस्व दिखाया है उससे पार्टी हाईकमान को भी अब मुख्यमंत्राी पद के दावेदार की घोषणा करने में काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है।
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