निगम को घाटे से उबारने के लिए होगी नई कोशिश
480 नये अधिकारियों की डीटीसी को है जरूरत
सेना से मांगी जायेगी इच्छुक अधिकारियों की सूची
कान्ट्रेक्ट के आधार पर होगी भर्ती
sanjay tuteja
नई दिल्ली 2 जुलाई। दिल्ली परिवहन निगम को घाटे से उबारने तथा निगम की व्यवस्था को अनुशासित एवं चुस्त दुरुस्त बनाने के लिए निगम में अब सेना के सेवा निवृत अधिकारियों की नियुक्ति की जायेगी। यह नियुक्ति कान्ट्रेक्ट के आधार पर होगी। निगम प्रबंधन जल्द ही इस संबध में सेना से निगम में काम करने के इच्छुक व कर्मठ सेवा निवृत अधिकारियों की सूची मांगेगा। दिल्ली परिवहन निगम को घाटे से उबारने की तमाम कोशिशों के बावजूद निगम का घाटा दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। स्थिति यह है कि निगम की प्रतिदिन की आय भी एक करोड़ 30 लाख से घटकर एक करोड़ रह गई है। इसके अलावा घाटे का ग्राफ भी बढ़ रहा है। नये वेतन आयोग के बाद निगम पर कर्मचारियों के वेतन का भी लगभग एक करोड़ रुपये अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है। निगम की बसो को प्रति किलोमीटर आय 18 रुपये से 20 रुपये प्रति किलोमीटर औसतन है जबकि यह आय 35 से 40 रुपये औसतन प्रति किलोमीटर हो तभी डीटीसी अपने सभी खर्चे स्वयं निकाल सकती है। निगम के बेड़े में नई बसें बढ़ाये जाने के बाद नये नियुक्त होने वाले ड्राइवरों व कंडक्टरों के वेतन का बोझ भी निगम पर बढ़ जायेगा। इसके अलावा 480 नये अफसरों की नियुक्ति होनी है उनके वेतन व भत्तों का करोड़ो रुपये का आकलन किया जाये तो इस वर्ष के अंत तक निगम के सामने गंभीर आर्थिक संकट उत्पन्न हो सकता है। निगम को घाटे से उबारने के लिए निगम प्रबंधन ने अब नई कोशिश शुरु की है। इसके तहत सेना के सेवानिवृत अधिकारियों को निगम में महत्वपूर्ण पद सौंपने का निर्णय लिया गया है। अफसरों के 480 पदों पर नियुक्तियां होनी हैं और इनमें से लगभग आधे पदों पर सेना के अधिकारियों को लिया जायेगा। यह नियुक्ति कान्ट्रेक्ट के आधार पर होगी। इससे निगम को सेना के अधिकारियों के लंबे अनुभव का तो लाभ मिलेगा ही साथ ही स्थायी अधिकारियों की तुलना में उन्हें भुगतान भी कम करना होगा और निगम पर खर्च का बोझ कम पड़ेगा। डीटीसी के प्रबंध निदेशक रमेश नेगी के अनुसार आगामी अक्टूबर नवंबर माह तक डीटीसी को 480 नये अधिकारियों को जरूरत होगी तब तक सेना से सम्पर्क कर इच्छुक अधिकारियों का पैनल मांग लिया जायेगा जिसमें से योग्य व कर्मठ अधिकारियों का चयन कर लिया जायेगा। उन्होंने बताया कि निगम को घाटे से उबारने के अन्य उपाय भी किये जा रहे हैं।
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